सात महीने में भगवान परशुराम का मंदिर बनकर तैयार:3 मई को प्राण प्रतिष्ठा, 10 हजार से ज्यादा ब्राह्मण एकजुट होंगे

डूंगरपुर के नवा महादेव मंदिर परिसर में भगवान परशुराम का पहला मंदिर बनकर तैयार हो गया है। 7 महीने में ये मंदिर बनकर तैयार हुआ है। अब 3 मई को मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होगी। जिसमें जिलेभर से 10 हजार से ज्यादा ब्राह्मण एकजुट होंगे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर विप्र फाउंडेशन तैयारियों में जुट गया है।

विप्र फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष ललित उपाध्याय और महामंत्री प्रशांत चौबीसा ने बताया कि भगवान परशुराम ब्राह्मणों के आराध्य देव हैं। विप्र फाउंडेशन ने सालभर पहले ही मंदिर बनाने की योजना बनाई। 20 जुलाई 2024 को सबसे पहले नया महादेव मंदिर परिसर में भगवान परशुराम की मूर्ति को स्थापित किया गया। इसके बाद मंदिर बनाने की योजना बनाई। 23 अगस्त को मंदिर बनाने को लेकर नींव रखी गई। 7 महीने में मंदिर बनकर तैयार हो गया है। मंदिर को पत्थरों की कारीगरी से आकर्षक बनाया गया है। अब 29 अप्रैल को भगवान परशुराम जयंती के 4 दिन बाद 3 मई को प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त है। इस दिन जिले के पहले भगवान परशुराम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होगी। जिसे लेकर विप्र फाउंडेशन के साथ ही सभी ब्राह्मण समाज तैयारी में जुट गए हैं।

विप्र फाउंडेशन कार्यकारिणी ने भाडगा, साबला, तालोरा, पचलासा, छोटा आदि गांवों का दौरा कर भगवान परशुराम मंदिर निर्माण की जानकारी दी। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अधिक से अधिक लोगों से भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया। फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष ललित उपाध्याय, प्रदेश संयुक्त सचिव रूपशंकर त्रिवेदी, जिला महामंत्री प्रशांत चौबीसा, आदर्श द्विवेदी, कमलाशंकर चौबीसा, राजेंद्र चौबीसा, नितेश चौबीसा, दयालाल सेवक, हरीश भाई तालोरा मौजूद रहे।

पदाधिकारियों ने मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए दिन-रात एक कर करीब 10 हजार विप्रों के एकत्रित होने की बात कही है। महेंद्र उपाध्याय पिंडावल द्वारा साबला में कार्यकारिणी का सम्मान किया गया। नारायण पंड्या द्वारा भी विप्र फाउंडेशन कार्यकारिणी का स्वागत किया गया। सभी विप्रों ने एकजुट होकर कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने का संकल्प लिया।

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